बेसिक शिक्षा परिषद में 72825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि इस भर्ती में बचे हुए 12091 पदों पर काउंसलिंग कराने के लिए विज्ञापन जारी किया जाए. इसके साथ ही काउंसलिंग का परिणाम फरवरी के अंतिम सप्ताह तक जारी कर दिया जाए. कोर्ट के इस आदेश से लगभग 12 वर्षों से चले आ रहे इस भर्ती विवाद का पटाक्षेप होने की उम्मीद है. विनय कुमार पांडे सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने दिया है.
अभ्यर्थियों की नहीं हुई थी काउंसलिंग
याचिका पर पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी आदि का कहना था कि 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती में से अदालत के आदेश के पर 66655 पदों पर चयन हो गया और चयनित अभ्यर्थियों ने कार्यभार भी ग्रहण कर लिया. लेकिन 12091 पद अभी भी शेष है, जिन पर काउंसलिंग नहीं कराई गई और चयन सीमा में आने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है. दूसरी ओर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस आशय का हलफनामा दे दिया कि उक्त 12091 पदों पर काउंसलिंग कराई गई थी. लेकिन बहुत ही कम अभ्यर्थी काउंसलिंग में शामिल हुए. जबकि अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने ऐसी कोई काउंसलिंग ही नहीं कराई या फिर उन्हें ऐसी किसी काउंसलिंग की जानकारी नहीं हो सकी.
5 फरवरी को काउंसिंलग कराने के निर्देश
कोर्ट ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि काउंसलिंग की जानकारी होने के बावजूद चयनित अभ्यर्थी काउंसलिंग में न शामिल होकर मुकदमे में लग रहे. जबकि काउंसलिंग से संबंधित कोई तथ्य रिकॉर्ड पर नहीं है. इस स्थिति में राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद 12091 पदों पर नए सिरे से काउंसलिंग कराने के लिए विज्ञापन जारी करें और इस कैटेगरी में आने वाले उन अभ्यार्थियों को बुलाया जो पूर्व में काउंसलिंग में शामिल नहीं हुए हैं. कोर्ट ने कहा कि काउंसलिंग 5 फरवरी 2024 से शुरू होने वाले सप्ताह में कराई जाए. इस आशय का विज्ञापन तीन प्रमुख समाचार पत्रों में 22 और 25 जनवरी को प्रकाशित कराया जाए. यह समाचार पत्र ऐसे होने चाहिए जिनका हर जिले में प्रसारण हो. कोर्ट ने कहा कि जो अभ्यर्थी पूर्व में काउंसलिंग में शामिल नहीं हुए हैं और 12091 पदों की सूची में शामिल है वह शामिल हो सकेंगे. साथ ही उन्हें इस आशय का हलफनामा देना होगा कि वह पूर्व में काउंसलिंग में शामिल नहीं हुए थे. ऐसे अभ्यर्थी संबंधित प्राधिकारी के समक्ष 2000 रुपए भी जमा करेंगे.
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